- खुसरो बाजी प्रेम की मैं खेलूँ पी के संग।जीत गयी तो पिया मोरे हारी पी के संग।।
- खुसरो दरिया प्रेम का, सो उल्टी वाकी धार।जो उबरा सो डूब गया जो डूबा हुआ पार।।
- आ साजन मोरे नयनन में, सो पलक ढाप तोहे दूँ।न मैं देखूँ और न को, न तोहे देखन दूँ।
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चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-
उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...
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संतन जात ना पूछो निरगुनियाँ। साध ब्राहमन साध छत्तरी, साधै जाती बनियाँ। साधनमां छत्तीस कौम है, टेढी तोर पुछनियाँ। साधै नाऊ साधै धोबी, साधै जा...
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काशी साईं फाउंडेशन के अंशदान रुपये 2,100/- एवं निवेदन पत्र दिनांक 25-09-2013 पर जिलाधिकारी वाराणसी ने टाउन हाल स्थित "भारत के राष्ट...
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भगत देश का - शहीदेआजम भगत सिंह को समर्पित
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