भगत देश का - शहीदेआजम भगत सिंह को समर्पित
Friday, 15 August 2014
Thursday, 14 August 2014
स्वतंत्रता दिवस - 2014 की हार्दिक शुभकामनाएं
न चाहूं मान - राम प्रसाद बिस्मिल
****************************
न चाहूँ मान दुनिया में, न चाहूँ स्वर्ग को जाना
मुझे वर दे यही माता रहूँ भारत पे दीवाना
करुँ मैं कौम की सेवा पडे़ चाहे करोड़ों दुख
अगर फ़िर जन्म लूँ आकर तो भारत में ही हो आना
लगा रहे प्रेम हिन्दी में, पढूँ हिन्दी लिखुँ हिन्दी
चलन हिन्दी चलूँ, हिन्दी पहरना, ओढना खाना
भवन में रोशनी मेरे रहे हिन्दी चिरागों की
स्वदेशी ही रहे बाजा, बजाना, राग का गाना
लगें इस देश के ही अर्थ मेरे धर्म, विद्या, धन
करुँ मैं प्राण तक अर्पण यही प्रण सत्य है ठाना
नहीं कुछ गैर-मुमकिन है जो चाहो दिल से "बिस्मिल" तुम
उठा लो देश हाथों पर न समझो अपना बेगाना
***********************
न चाहूँ मान दुनिया में, न चाहूँ स्वर्ग को जाना
मुझे वर दे यही माता रहूँ भारत पे दीवाना
करुँ मैं कौम की सेवा पडे़ चाहे करोड़ों दुख
अगर फ़िर जन्म लूँ आकर तो भारत में ही हो आना
लगा रहे प्रेम हिन्दी में, पढूँ हिन्दी लिखुँ हिन्दी
चलन हिन्दी चलूँ, हिन्दी पहरना, ओढना खाना
भवन में रोशनी मेरे रहे हिन्दी चिरागों की
स्वदेशी ही रहे बाजा, बजाना, राग का गाना
लगें इस देश के ही अर्थ मेरे धर्म, विद्या, धन
करुँ मैं प्राण तक अर्पण यही प्रण सत्य है ठाना
नहीं कुछ गैर-मुमकिन है जो चाहो दिल से "बिस्मिल" तुम
उठा लो देश हाथों पर न समझो अपना बेगाना
Wednesday, 12 March 2014
इस बार होली पर, रूठों को अब मना लूं
रंगों से दिल सजा लूं इस बार होली पर
रूठों को अब मना लूं इस बार होली पर।
इक स्नेह रंग घोलूँ आंसू की धार में
पानी ज़रा बचा लूं इस बार होली पर।
अपनों की बेवफाई से मन है हुआ उदास
इक मस्त फाग गा लूं इस बार होली पर।
रिश्तों में आजकल तो है आ गई खटास
मीठा तो कुछ बना लूं इस बार होली पर।
उम्मीद की कमी से फीकी हुई जो आँखें
उनमें उजास ला दूं इस बार होली पर।
द्वारा :- भारती पंडित
रूठों को अब मना लूं इस बार होली पर।
इक स्नेह रंग घोलूँ आंसू की धार में
पानी ज़रा बचा लूं इस बार होली पर।
अपनों की बेवफाई से मन है हुआ उदास
इक मस्त फाग गा लूं इस बार होली पर।
रिश्तों में आजकल तो है आ गई खटास
मीठा तो कुछ बना लूं इस बार होली पर।
उम्मीद की कमी से फीकी हुई जो आँखें
उनमें उजास ला दूं इस बार होली पर।
द्वारा :- भारती पंडित
Monday, 17 February 2014
सावधान भारत सावधान...!!! चुनाव सिर पर हैं...!!!
जातिवाद
हमारे देश की सबसे बड़ी बीमारी है, यह भ्रष्टाचार से भी बड़ी बीमारी है। कुछ
दूषित मानसिकता के लोग और नेता अपने निजी स्वार्थ में जातिवाद को हवा देते
है।
क्या 21 वी सदी में जातिवाद का कोई महत्त्व है ?
मेरे विचारों के अनुसार जातिवाद का कोई महत्त्व नहीं है।
दूषित मानसिकता के लोग और नेता
चुनाव जीतने के लिए और अपना महत्व बनाये रखने के लिए जाति के नाम पर
वर्षों से पूरे देश को गुमराह कर रहे हैं और फिर चुनाव सिर पर हैं...!!!
अतः
सावधान भारत सावधान……!!!
जातिवाद ही नहीं ये दूषित मानसिकता के लोग और नेता धर्म एवं क्षेत्रवाद के नाम पर अपनी राजनैतिक इच्छाओं को पूरा करने की आस में हैं। अतः
सावधान भारत सावधान……!!!
संत कबीर ने इस सत्य को कई सदी पूर्व अपनी एक रचना में कह दिया था, संत कबीर की उस रचना का शीर्षक है "साधो, देखो जग बौराना"।
साधो, देखो जग बौराना ।
साँची कही तो मारन धावै, झूठे जग पतियाना ।
हिन्दू कहत, राम हमारा, मुसलमान रहमाना ।
आपस में दौऊ लड़ै मरत हैं, मरम कोई नहिं जाना ।
बहुत मिले मोहि नेमी, धर्मी, प्रात करे असनाना ।
आतम-छाँड़ि पषानै पूजै, तिनका थोथा ज्ञाना ।
आसन मारि डिंभ धरि बैठे, मन में बहुत गुमाना ।
पीपर-पाथर पूजन लागे, तीरथ-बरत भुलाना ।
माला पहिरे, टोपी पहिरे छाप-तिलक अनुमाना ।
साखी सब्दै गावत भूले, आतम खबर न जाना ।
घर-घर मंत्र जो देन फिरत हैं, माया के अभिमाना ।
गुरुवा सहित सिष्य सब बूढ़े, अन्तकाल पछिताना ।
बहुतक देखे पीर-औलिया, पढ़ै किताब-कुराना ।
करै मुरीद, कबर बतलावैं, उनहूँ खुदा न जाना ।
हिन्दू की दया, मेहर तुरकन की, दोनों घर से भागी ।
वह करै जिबह, वो झटका मारे, आग दोऊ घर लागी ।
या विधि हँसत चलत है, हमको आप कहावै स्याना ।
कहै कबीर सुनो भाई साधो, इनमें कौन दिवाना ।
साँची कही तो मारन धावै, झूठे जग पतियाना ।
हिन्दू कहत, राम हमारा, मुसलमान रहमाना ।
आपस में दौऊ लड़ै मरत हैं, मरम कोई नहिं जाना ।
बहुत मिले मोहि नेमी, धर्मी, प्रात करे असनाना ।
आतम-छाँड़ि पषानै पूजै, तिनका थोथा ज्ञाना ।
आसन मारि डिंभ धरि बैठे, मन में बहुत गुमाना ।
पीपर-पाथर पूजन लागे, तीरथ-बरत भुलाना ।
माला पहिरे, टोपी पहिरे छाप-तिलक अनुमाना ।
साखी सब्दै गावत भूले, आतम खबर न जाना ।
घर-घर मंत्र जो देन फिरत हैं, माया के अभिमाना ।
गुरुवा सहित सिष्य सब बूढ़े, अन्तकाल पछिताना ।
बहुतक देखे पीर-औलिया, पढ़ै किताब-कुराना ।
करै मुरीद, कबर बतलावैं, उनहूँ खुदा न जाना ।
हिन्दू की दया, मेहर तुरकन की, दोनों घर से भागी ।
वह करै जिबह, वो झटका मारे, आग दोऊ घर लागी ।
या विधि हँसत चलत है, हमको आप कहावै स्याना ।
कहै कबीर सुनो भाई साधो, इनमें कौन दिवाना ।
Sunday, 2 February 2014
Saturday, 1 February 2014
बाबा राम ~ "Baba Ram" by Anshuman Dubey
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम तारन हार॥
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम साचो नाम॥
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम पालन हार॥
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम प्यारो नाम॥
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम तुझसे शुरू॥
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम तुझपे खत्म॥
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम जीवन तमाम॥
बाबा राम, बाबा राम,
बाबा राम बनाये काम॥
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम महादेव राम॥
बाबा राम, बाबा राम......
http://a3advocate.blogspot.com/2014/01/ram-by-anshuman-dubey.html
बाबा राम तारन हार॥
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम साचो नाम॥
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम पालन हार॥
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम प्यारो नाम॥
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम तुझसे शुरू॥
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम तुझपे खत्म॥
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम जीवन तमाम॥
बाबा राम, बाबा राम,
बाबा राम बनाये काम॥
बाबा राम, बाबा राम।
बाबा राम महादेव राम॥
बाबा राम, बाबा राम......
http://
साईं राम कर्मस्थली :-
चलिये करें प्रयत्न अविराम,
हर परिवार बन जाये साईं धाम।
चलिये करें प्रयत्न अविराम,
हर मानव शरीर बन जाये,
बाबा साईं राम कर्मस्थली।
Sunday, 5 January 2014
काशी साईं फाउंडेशन ने खिलाड़ियो को RCM Sports Award से सम्मानित किया :-
इलाहाबाद। 22वीं आर. सी. मिश्र क्रिकेट
प्रतियोगिता - 2014 का फ़ाइनल मैच रविवार दिनांक 05-01-2014 को इलाहाबाद स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित हुआ। फ़ाइनल मैच में इलाहाबाद क्रिकेट अकादमी ने विप्लव स्पोर्टिंग क्लब को
13 रन से हराकर 22वीं आर.सी.मिश्र क्रिकेट प्रतियोगिता का खिताब जीत लिया। खिताबी मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते
हुए इलाहाबाद क्रिकेट अकादमी ने निर्धारित 35 ओवर में 8 विकेट पर 193 रन
बनाकर विप्लव स्पोर्टिंग क्लब को 34.3 ओवर में 180 रन पर समेट दिया। मैच से
पहले पूर्व रणजी क्रिकेटर श्री मोहम्मद तारिफ ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त
किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बैंक आफ महाराष्ट्र के निदेशक श्री रमेश चन्द्र
अग्रवाल ने पुरस्कार वितरित किया। वाराणसी की संस्था "काशी साईं फाउण्डेशन, वाराणसी" की ओर से 'Best Fielder'-श्री अनुपम कुमार, 'Best Bowler'-श्री शुभम त्रिपाठी और 'Best Batsman'-श्री अभिषेक यादव को ट्राफी और पुरस्कार राशि का वितरण "काशी साईं फाउण्डेशन" के सचिव अंशुमान दुबे (अधिवक्ता) द्वारा किया गया। 22वीं आरसी मिश्र क्रिकेट प्रतियोगिता आयोजन "सागर स्पोर्टिंग क्लब, इलाहाबाद" द्वारा लगातार 22वीं बार सफलता पूर्वक किया गया है। आयोजन सचिव उल्लास गोडबोले ने धन्यवाद
ज्ञापित और ई० दिनेश चन्द्र मिश्र ने कार्यक्रम का संचालन किया। उक्त अवसर पर श्री मधु चकहा, श्री अजय तिवारी, श्री राकेश लाभ, श्री आयाम खन्ना, श्री उत्पल दादा, श्री विश्वनाथ मिश्रा, आदि गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि बैंक आफ महाराष्ट्र के निदेशक श्री रमेश चन्द्र अग्रवाल सभा को सम्बोधित करते हुए। |
श्री राकेश लाभ व श्री अंशुमान दुबे (अधिवक्ता) |
श्री अंशुमान दुबे (अधिवक्ता) स्व. रमेश चन्द्र मिश्रा को श्रदा सुमन अर्पित करते हुए। |
कार्यक्रम का संचालन करते हुए ई० दिनेश चन्द्र मिश्र |
Subscribe to:
Posts (Atom)
चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-
उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...

-
संतन जात ना पूछो निरगुनियाँ। साध ब्राहमन साध छत्तरी, साधै जाती बनियाँ। साधनमां छत्तीस कौम है, टेढी तोर पुछनियाँ। साधै नाऊ साधै धोबी, साधै जा...
-
काशी साईं फाउंडेशन के अंशदान रुपये 2,100/- एवं निवेदन पत्र दिनांक 25-09-2013 पर जिलाधिकारी वाराणसी ने टाउन हाल स्थित "भारत के राष्ट...
-
‘Life with Allah has endless hope;life without Allah has hopeless end.’ Islam means submission to the will of Allah. It is a perfect way of ...