
नज़र को नज़र से मिलने दो।
दिलो के तार दिलो से जुड़ने दो।
सुहानी है बेला ये, ऐसे में
दिलो के साज़ को बजने दो।
सरगम यही सच्ची है, इसे
दिल की बगिया में खिलने दो।
दुआ करो मिलकर
मालिक से, कि दिलो में सरगम
यू ही बजती रहे।
और नज़र नजरो से मिलती रहे।
(Note: Written on 24-02-2010)
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