गुरु और ईश्वर का बहुत गहरा सम्बन्ध है....!!
वेदों में "गुरु" को "ईश्वर" से अधिक पूज्यनीय माना है, "गुरु" की महिमा अपार है वो सदैव अपने शिष्य के लिए चिंतित रहता है, उसे सर्व गुण सम्पन बनाने का प्रयत्न करता है, ईश्वर की प्राप्ति भी गुरु द्वारा सम्भव हो सकती है।
गुरु और सदगुरु में अन्तर...!!
गुरु और सदगुरु में बहुत अन्तर है, गुरु को हमेशा अपने शिष्य से कोई न कोई अपेक्षा रहती है, वो कभी भी समय आने पर अपने दिए हुए ज्ञान की गुरुदक्षाणा मांग लेते है। परन्तु सदगुरु वो होता जो सदैव देते हैं, कभी गुरुदक्षाणा की लालसा नही रखते । गुरु तो बहुत से मिल जाते है, परन्तु सदगुरु तो एक ही है वो है "साई बाबा" जिन्होंने कभी अपने शिष्यो से कुछ नही माँगा सिर्फ़ दिया ही है, ऐसे सदगुरु के चरणों में हमारा, काशी साईं परिवार व समस्त भारत वासियों का सादर नमन व समर्पण.....!!!
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