मुझे फूंकने से पहले मेरा दिल निकाल लेना,
किसी और की अमानत कही साथ जल न जाये॥
~ * ~
मेरी बेज़ुबा आँखों से गिरे जो चंद कतरे,
जो समझ सको तो आंसु ना समझ सको तो पानी॥
~ * ~
सुननी नही है हमको किसी और की ज़ुबानी,
तेरे सुबह कह रही है तेरी रात की कहानी॥
~ * ~
मेरे खूने आरज़ू को वो समझ रहे है पानी,
उन्हें होश तक न आया ये गुज़र गयी जवानी॥
~ * ~
ये इनायते गजब की ये बला की मेहरबानी,
मेरे खैरियत भी पूछी किसी और की जुबानी॥
~ * ~
"काशी साईं परिवार" सभी सम्मानित भारत वंशियो को और इस ब्लॉग के सुधी पाठकों को होली वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं देता है॥
किसी और की अमानत कही साथ जल न जाये॥
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मेरी बेज़ुबा आँखों से गिरे जो चंद कतरे,
जो समझ सको तो आंसु ना समझ सको तो पानी॥
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सुननी नही है हमको किसी और की ज़ुबानी,
तेरे सुबह कह रही है तेरी रात की कहानी॥
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मेरे खूने आरज़ू को वो समझ रहे है पानी,
उन्हें होश तक न आया ये गुज़र गयी जवानी॥
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ये इनायते गजब की ये बला की मेहरबानी,
मेरे खैरियत भी पूछी किसी और की जुबानी॥
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"काशी साईं परिवार" सभी सम्मानित भारत वंशियो को और इस ब्लॉग के सुधी पाठकों को होली वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं देता है॥
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