सब कुछ व्यावहारिक कार्य करते हुए भी परमात्मा का स्मरण करते रहो जिसमें भगवान के भजन की ही जीवन में प्रधानता रहे।
भगवान का भजन सदा करते रहोगे तो अन्त समय में भी भगवान का ही स्मरण होगा और भगवान का कहना है कि -
अन्तोकाले च मामेव
समरन्मुक्त्वा कलेवरम्।
यः प्रयाति त्यजन्देहं
स याति परमां गतिम्॥
जिसको आप बुलाते हैं वह समीप में आता ही है। यदि भगवान को बुलाओगे तो ऐसा नहीं हो सकता कि वह न आयें।...
श्री राधेश्याम...हरि हरः
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चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-
उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...

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संतन जात ना पूछो निरगुनियाँ। साध ब्राहमन साध छत्तरी, साधै जाती बनियाँ। साधनमां छत्तीस कौम है, टेढी तोर पुछनियाँ। साधै नाऊ साधै धोबी, साधै जा...
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‘Life with Allah has endless hope;life without Allah has hopeless end.’ Islam means submission to the will of Allah. It is a perfect way of ...
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हमन है इश्क मस्ताना, हमन को होशियारी क्या ? रहें आजाद या जग से, हमन दुनिया से यारी क्या ? जो बिछुड़े हैं पियारे से, भटकते दर-ब-दर फिरते, हमा...
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