एक का साजन मन्दिर में एक का प्रीतम मस्जिद में,
और मै सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी (साईं) का नाम।
सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम.......
प्रेम के रंग में ऐसी डूबी, बन गया एक ही रूप,
प्रेम की माला जपते जपते आप बनी मैं श्याम (साईं) ।
सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम.......
स्रोत :- मीरा बाई के भजन।
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