Tuesday 31 March 2009

With every breath I take, I chant the name of my beloved

एक का साजन मन्दिर में एक का प्रीतम मस्जिद में,

और मै सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी (साईं) का नाम।

सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम.......

प्रेम के रंग में ऐसी डूबी, बन गया एक ही रूप,

प्रेम की माला जपते जपते आप बनी मैं श्याम (साईं)

सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम.......

स्रोत :- मीरा बाई के भजन।

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उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...