यह संसार कागद की पुडिया,
बूँद पडे गलि जाना है।
यह संसार काँटे की बाडी,
उलझ पुलझ मरि जाना है॥
यह संसार झाड और झाँखर,
आग लगे बरि जाना है।
कहत 'कबीर सुनो भाई साधो,
सतुगरु नाम ठिकाना है॥
उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...
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