Wednesday 1 September 2010

कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष : मथुरा के लोगवा (भोजपुरी)


आवत है नन्दलाल के हाथी, तूरत डार मीरोरत छाती,
ए नन्दलाल धका जनि दीहऽ धुक्की जनि दीहऽ।
मथुराजी के लोगवा बड़ा रगरी, फेरत है सिर के गगरी,
भींजत है लहँगा चुनरी, बान्हत है टेढ़का पगरी।

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उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...