Friday 4 September 2009

संतन जात ना पूछो निरगुनियाँ : संत कबीर

संतन जात ना पूछो निरगुनियाँ।
साध ब्राहमन साध छत्तरी, साधै जाती बनियाँ।
साधनमां छत्तीस कौम है, टेढी तोर पुछनियाँ।
साधै नाऊ साधै धोबी, साधै जाति है बरियाँ।
साधनमां रैदास संत है, सुपच ऋषि सों भंगिया।
हिंदू-तुर्क दुई दीन बने हैं, कछू ना पहचानियाँ॥

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