Friday, 6 May 2011

परमात्मा के मिलने का मार्ग :-

नदी जब तक समुद्र में नहीं मिल जाती तब तक वह पत्थरों और पहाड़ों से टकराती रहती है। समुद्र में मिल जाने के बाद उसको ठोकर देने वाला कोई नहीं रह जाता। इसी प्रकार जीव जब तक परमात्मा से नहीं मिला है तभी तक उसे अनेकों आधि व्याधियों का सामना करना पड़ता है।

परमात्मा के मिलने का मार्ग भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं बताया है, "तस्मात् सर्वेधु कालेषु मामनुस्मर युध्य च।"

अर्थात्
सदैव चलते - फिरते , उठते - बैठते , सोते - जागते , स्वधर्मानुष्ठान में लगे रहो और मेरा स्मरण करते चलो।
श्री राधेश्याम... हरि हरः

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