नदी जब तक समुद्र में नहीं मिल जाती तब तक वह पत्थरों और पहाड़ों से टकराती रहती है। समुद्र में मिल जाने के बाद उसको ठोकर देने वाला कोई नहीं रह जाता। इसी प्रकार जीव जब तक परमात्मा से नहीं मिला है तभी तक उसे अनेकों आधि व्याधियों का सामना करना पड़ता है।
परमात्मा के मिलने का मार्ग भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं बताया है, "तस्मात् सर्वेधु कालेषु मामनुस्मर युध्य च।"
अर्थात्
सदैव चलते - फिरते , उठते - बैठते , सोते - जागते , स्वधर्मानुष्ठान में लगे रहो और मेरा स्मरण करते चलो।
श्री राधेश्याम... हरि हरः
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चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-
उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...
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संतन जात ना पूछो निरगुनियाँ। साध ब्राहमन साध छत्तरी, साधै जाती बनियाँ। साधनमां छत्तीस कौम है, टेढी तोर पुछनियाँ। साधै नाऊ साधै धोबी, साधै जा...
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भगत देश का - शहीदेआजम भगत सिंह को समर्पित
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बढ़ते चलो, बढ़ते चलो, बढ़ते चलो जवानो। ऎ देश के सपूतो! मज़दूर और किसानो।। है रास्ता भी रौशन और सामने है मंज़िल। हिम्मत से काम लो तुम आसान हो...
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