वाराणसी। संकटमोचन मंदिर में हुए बम विस्फोट के
आरोपी वलीउल्लाह और शमीम से मुकदमे हटाने की प्रदेश सरकार ने तैयारी कर ली
है। बनारस के जिला अधिकारी सौरभ बाबू को इस संबंध में गृह विभाग के विशेष
सचिव राजेंद्र कुमार ने 31 अक्तूबर को पत्र लिखकर कई सूचनाएं मांगी हैं।
पत्र में लंका (संकटमोचन), जीआरपी कैंट (कैंट रेलवे स्टेशन) और दशाश्वमेध
थाना क्षेत्रों में हुए विस्फोटों में सरकार बनाम वलीउल्लाह और शमीम आदि के
अभियोजन वापसी की बात कही गई है। सात मार्च 2006 को संकटमोचन मंदिर और
कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए बम विस्फोट में 28 लोग मारे गए थे, जबकि सौ से
अधिक घायल हुए थे। उसी दिन दशाश्वमेध क्षेत्र में जिंदा बम भी मिला था।
इस
पत्र को जिला प्रशासन ने दबा रखा है। जिलाधिकारी सौरभ बाबू इस बारे में
कोई भी जानकारी होने से इनकार कर रहे हैं। पत्र के जरिये मुकदमे का नंबर,
लगाई गई धाराएं, जिस अदालत में मामला लंबित है और जिन अभियुक्तों के खिलाफ
न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया गया है, यह सब जानकारी मांगी गई है।
रिपोर्ट के साथ एफआईआर और आरोप पत्र की स्पष्ट पठनीय प्रतिलिपि भी भेजने को
कहा गया है। इतना ही नहीं बम विस्फोट में जो लोग घायल हुए उनकी चोटों का
विवरण, विवेचना के दौरान बरामदगी, अदालत में मुकदमे की स्थिति, केस डायरी
में मिले साक्ष्य और अभियोजन की सफलता और दुर्बलता का विश्लेषण करते हुए
अभियोजन अधिकारी की राय देने को भी कहा गया है। इसी के साथ केस वापसी के
बारे में पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी की राय भी मांगी गई है।
अमर
उजाला की जानकारी के मुताबिक बम धमाकों से जुड़े कुल छह मुकदमों में पुलिस
आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। न्यायालय में ट्रायल चल रहा है। वहीं आतंकी
हमलों की जांच एवं गिरफ्तारी को लेकर वाराणसी निवासी राकेश न्यायिक ने उच्च
न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। 21 नवंबर को उच्च न्यायालय में
सुनवाई होनी है।
अमर उजाला प्रकाशन को कोटिश: धन्यवाद।
~ * ~
पाठकों से निवेदन है कि, कृपया उक्त पोस्ट पर अपने Comment अवश्य दें।
धन्यवाद ...!!!
No comments:
Post a Comment