Sunday, 13 May 2012

जो थी सदा नीरा, उसके आज नीर बहते है :-

 जो थी सदा नीरा, उसके आज नीर बहते है।
जिसने सब को अपने प्रेम में था बाँधा,
उसको बाँधने में लगे हैं, आज के राजा।
जो थी सदा नीरा, उसके आज नीर बहते है।

मानसून की प्रतीक्षा करती सरकार :-

भारत सरकार तो सिर्फ इस बात की प्रतीक्षा करती दिख रही है कि, कब मानसून आये और वे कह सके की हमने गंगा में पानी छोड़ दिया है। अत: अब गंगा पुत्रो को तपस्या करने के कोई आवश्कता नहीं है।
और क्या हुआ "गंगा तिरंगा" का नारा देने वाले दल का, वे क्यों मौन है....???  क्या वे फिर चुनाव की प्रतीक्षा में हैं.....???

Wednesday, 18 April 2012

गंगा के निर्मलीकरण व अविरल प्रवाह के लिए वाराणसी के अधिवक्ताओं का धरना :-

गंगा के निर्मलीकरण व अविरल प्रवाह के लिए वाराणसी के अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी, वाराणसी के कार्यालय के सम्मुख धरना दिया  और  गंगा सेवा अभियानम द्वारा चलाये जा रहे आन्दोलन का पुनः समर्थन किया।
 उक्त धरना व अन्य के सम्बन्ध में संयुक्त बार की बैठक श्री अंशुमान दुबे (सचिव व संस्थापक-"काशी साईं परिवार")  के प्रस्ताव पर आहूत की गयी। 
अधिवक्ताओं ने एक मत से गंगा के निर्मलीकरण व अविरल प्रवाह के लिए चलाये जा रहे आन्दोलन का समर्थन किया और भविष्य में भी समर्थन देने का वादा भी माँ गंगा के लिए किया। 
धरने के उपरांत जिलाधिकारी, वाराणसी के प्रतिनिधि को एक पत्रक अध्यक्ष-सी.बी.ए. एवं अध्यक्ष-बी.बी.ए. ने दिया।
 
 

Sunday, 18 March 2012

गंगा स्तुति :- तुलसीदास

जय जय भगीरथ नन्दिनि, मुनि-चय चकोर-चन्दनि,
नर-नाग-बिबुध-बन्दिनि जय जहनु बालिका।

बिस्नु-पद-सरोजजासि, ईस-सीसपर बिभासि,

त्रिपथ गासि, पुन्रूरासि, पाप-छालिका।

बिमल बिपुल बहसि बारि, सीतल त्रयताप-हारि,

भँवर बर, बिभंगतर तरंग-मालिका।

पुरजन पूजोपहार, सोभित ससि धवलधार,
भंजन भव-भार, भक्ति-कल्पथालिका।

थ्नज तटबासी बिहंग, जल-थल-चर पसु-पतंग,
कीट,जटिल तापस सब सरिस पालिका।

तुलसी तव तीर तीर सुमिरत रघुवंस-बीर,
बिचरत मति देहि मोह-महिष-कालिका।

Sunday, 19 February 2012

भारत निर्माण = मानव प्रेम

अपने आचार और विचार से करना है, इसे भारत का निर्माण का जहाँ ना हो किसी भी किस्म का धर्मवाद, पंथवाद अथवा जातिवाद। अगर कुछ हो तो सिर्फ और सिर्फ मानव प्रेम। मानव प्रेम के लिए हमे अपने देश में रहने वाले सभी लोगो एक सामान समझते हुए संगठित रहना होगा। 
देश के वाह्य व आतंरिक दुश्मनो से सावधान रहना होगा और देश के संविधान के अंतर्गत बने कानूनों का पालन करना होगा।  
तभी होगा सच्चा भारत निर्माण....!!

काशी साईं गौरव श्री (अलंकरण) :-

आज तिथि 19-02-2012 दिन रविवार को काशी साईं फाउंडेशन सोसाइटी के सचिव श्री अंशुमान दुबे द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता श्री श्रीनाथ त्रिपाठी को "विधि क्षेत्र व अधिवक्ता कल्याण क्षेत्र" में किये गए उत्कृष्ट कार्यो के लिए संस्था द्वारा प्रदत्त "काशी साईं गौरव श्री" अलंकरण से सम्मानित करके काशी के गौरव का सम्मान किया गया। "काशी साईं गौरव श्री" अलंकरण सम्मान में अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह, कलम (Pen) व साईं-कर्म छायाचित्र भेंट किया गया। इस अवसर पर संस्था के सह-सचिव श्री मुकेश कुमार विश्वकर्मा तथा अधिवक्तागण क्रमश: श्री अशोक कुमार पाण्डेय, अजय सिंह, रत्नेश कुमार पाण्डेय, ध्रुव कुमार पाण्डेय, भानु स्वरुप लाल (कुंदन), संजय कुमार श्रीवास्तव, रमन प्रसाद श्रीवास्तव, पंकज प्रकाश पाण्डेय  आदि उपस्थित थे।







चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-

उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...