Sunday, 13 May 2012

जो थी सदा नीरा, उसके आज नीर बहते है :-

 जो थी सदा नीरा, उसके आज नीर बहते है।
जिसने सब को अपने प्रेम में था बाँधा,
उसको बाँधने में लगे हैं, आज के राजा।
जो थी सदा नीरा, उसके आज नीर बहते है।

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चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-

उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...