कबीर ने कहा है, कि....
"ऐसी बाणी बोलिये, मन का आपा खोइ ।
अपना तन सीतल करै, औरन को सुख होइ ॥"
भावार्थ -
अपना अहंकार छोड़कर ऐसी बाणी बोलनी चाहिए कि, जिससे बोलनेवाला स्वयं शीतलता और शान्ति का अनुभव करे, और सुननेवालों को भी सुख मिले ।
उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...
No comments:
Post a Comment