Thursday 26 February 2009

साईं प्रेम : खुसरो

  • खुसरो बाजी प्रेम की मैं खेलूँ पी के संग।जीत गयी तो पिया मोरे हारी पी के संग।।
  • खुसरो दरिया प्रेम का, सो उल्टी वाकी धार।जो उबरा सो डूब गया जो डूबा हुआ पार।।
  • आ साजन मोरे नयनन में, सो पलक ढाप तोहे दूँ।न मैं देखूँ और न को, न तोहे देखन दूँ।

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चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-

उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...