Monday 10 August 2009

गुरु नानकदेव के पद : भाग - 2

को काहू को भाई :-

हरि बिनु तेरो को न सहाई।
काकी मात-पिता सुत बनिता, को काहू को भाई॥
धनु धरनी अरु संपति सगरी जो मानिओ अपनाई।

तन छूटै कुछ संग न चालै, कहा ताहि लपटाई॥
दीन दयाल सदा दु:ख-भंजन, ता सिउ रुचि न बढाई।

नानक कहत जगत सभ मिथिआ, ज्यों सुपना रैनाई॥

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