Wednesday, 14 August 2013

एक बार तिरंगे में लपेट दे - अंशुमान दुबे

माँ मेरा एक सपना पूरा कर दे,
मुझे भी एक बार "आज़ाद" सी मौत दे। 
माँ मेरा एक सपना पूरा कर दे,
मुझे भी एक बार "भारत" पर शहीद कर दे। 
माँ मेरा एक सपना पूरा कर दे,
मुझे भी एक बार "तिरंगे" में लपेट दे।
 माँ मेरा एक सपना पूरा कर दे,
अगर हो मेरी औलाद तो, उसको भी मेरे जैसा कर दे।


 Link :-
http://a3advocate.blogspot.in/2013/08/blog-post_14.html 

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उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...