
Thursday, 3 September 2009
साईं ने कहा है : भाग - 148
साईं ने कहा है, कि.....
"अन्न ही परम्ब्रम्ह है, वह सभी प्राणियों के जीवन का आधार है, भूखे रहकर कोई कार्य पूर्ण नही हो सकता।"
"अन्न ही परम्ब्रम्ह है, वह सभी प्राणियों के जीवन का आधार है, भूखे रहकर कोई कार्य पूर्ण नही हो सकता।"
मोलना सुन कितेब की बातें (जीव हत्या ना करें) : संत कबीर
जीव हत्या ना करें
मोलना सुन कितेब की बातें
जिस बकरी का दूध पियो तुम,
सो तो मातु कि नाते
उस बकरी का गर्दन काटो,
अपनों हाथ छुरा ते
काम तो करो कसाई का औ,
पाक करो कलमा ते
यह मत उलटी कौन सिखाई,
अहमक नहीं लजाते
एक खुदा का सकल पसारा,
कीट पतंग जहां ते
दूजी कहो कहाँ ते आया,
ता पैर हमें खिझाते
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
ये पद है निर्बाते
एक नानिक जिह्वा के कारण,
कुर करम करि घाते
मोलना सुन कितेब की बातें।
मोलना सुन कितेब की बातें
जिस बकरी का दूध पियो तुम,
सो तो मातु कि नाते
उस बकरी का गर्दन काटो,
अपनों हाथ छुरा ते
काम तो करो कसाई का औ,
पाक करो कलमा ते
यह मत उलटी कौन सिखाई,
अहमक नहीं लजाते
एक खुदा का सकल पसारा,
कीट पतंग जहां ते
दूजी कहो कहाँ ते आया,
ता पैर हमें खिझाते
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
ये पद है निर्बाते
एक नानिक जिह्वा के कारण,
कुर करम करि घाते
मोलना सुन कितेब की बातें।
Wednesday, 2 September 2009
वृक्षन की मति ले रे मना (वृक्षों सा सवभाव) : संत कबीर
वृक्षन की मति ले रे मना
दृढ़ आसन मनसा नहीं डोलै
सुमिरन में चित दे रे मना
मेघ भिगावै पवन झकोरै
हर्ष शोक नहीं ले रे मना
उष्ण शीत सहे शिर ऊपर
पक्षिन को सुख दे रे मना
काटनहार से बैर भाव नहीं
सींचे स्नेह न है रे मना
जो कोई पत्थर फ़ेंक के मारे
ऊपर से फल दे रे मना
तन मन धन सब परमारथ में
लग्यो रहे नित नेह रे मना
कहे कबीर सुनो भाई साधो
सदगुरु दर्शन ले रे मना
दृढ़ आसन मनसा नहीं डोलै
सुमिरन में चित दे रे मना
मेघ भिगावै पवन झकोरै
हर्ष शोक नहीं ले रे मना
उष्ण शीत सहे शिर ऊपर
पक्षिन को सुख दे रे मना
काटनहार से बैर भाव नहीं
सींचे स्नेह न है रे मना
जो कोई पत्थर फ़ेंक के मारे
ऊपर से फल दे रे मना
तन मन धन सब परमारथ में
लग्यो रहे नित नेह रे मना
कहे कबीर सुनो भाई साधो
सदगुरु दर्शन ले रे मना
साईं ने कहा है : भाग - 147
साईं ने कहा है, कि.....
"केवल मैं ही नही बल्कि मेरी समाधी भी उन लोगो से बात करेगी,
जो मुझे अपना एक मात्र आधार समझते है।"
"केवल मैं ही नही बल्कि मेरी समाधी भी उन लोगो से बात करेगी,
जो मुझे अपना एक मात्र आधार समझते है।"
Tuesday, 1 September 2009
साईं ने कहा है : भाग - 146
साईं ने कहा है, कि......
"परिश्रम का मूल्य चुकाए बिना किसी से कार्य नही करना चाहिए, कार्य कराने वाले को उसके श्रम का तुंरत निपटारा कर उदार ह्रदय से मजदूरी देनी चाइए।"
"परिश्रम का मूल्य चुकाए बिना किसी से कार्य नही करना चाहिए, कार्य कराने वाले को उसके श्रम का तुंरत निपटारा कर उदार ह्रदय से मजदूरी देनी चाइए।"
कौन ठगवा नगरिया लूटल हो? : संत कबीर
कौन ठगवा नगरिया लूटल हो।
चंदन काठ के बनल खटोला
ता पर दुलहिन सूतल हो।
उठो सखी री माँग संवारो
दुलहा मो से रूठल हो।
आये जम राजा पलंग चढ़ि बैठा
नैनन अंसुवा टूटल हो।
चार जने मिल खाट उठाइन
चहुँ दिसि धूं धूं उठल हो।
कहत कबीर सुनो भाई साधों
जग से नाता छूटल हो।
चंदन काठ के बनल खटोला
ता पर दुलहिन सूतल हो।
उठो सखी री माँग संवारो
दुलहा मो से रूठल हो।
आये जम राजा पलंग चढ़ि बैठा
नैनन अंसुवा टूटल हो।
चार जने मिल खाट उठाइन
चहुँ दिसि धूं धूं उठल हो।
कहत कबीर सुनो भाई साधों
जग से नाता छूटल हो।
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