Tuesday 1 September 2009

कौन ठगवा नगरिया लूटल हो? : संत कबीर

कौन ठगवा नगरिया लूटल हो।

चंदन काठ के बनल खटोला
ता पर दुलहिन सूतल हो।

उठो सखी री माँग संवारो
दुलहा मो से रूठल हो।

आये जम राजा पलंग चढ़ि बैठा
नैनन अंसुवा टूटल हो।

चार जने मिल खाट उठाइन
चहुँ दिसि धूं धूं उठल हो।

कहत कबीर सुनो भाई साधों
जग से नाता छूटल हो।

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