Sunday, 8 May 2011

परमात्मा का स्मरण करते रहो :-

सब कुछ व्यावहारिक कार्य करते हुए भी परमात्मा का स्मरण करते रहो जिसमें भगवान के भजन की ही जीवन में प्रधानता रहे।
भगवान का भजन सदा करते रहोगे तो अन्त समय में भी भगवान का ही स्मरण होगा और भगवान का कहना है कि -

अन्तोकाले च मामेव
समरन्मुक्त्वा कलेवरम्।
यः प्रयाति त्यजन्देहं
स याति परमां गतिम्॥
जिसको आप बुलाते हैं वह समीप में आता ही है। यदि भगवान को बुलाओगे तो ऐसा नहीं हो सकता कि वह न आयें।...

श्री राधेश्याम...हरि हरः

Friday, 6 May 2011

परमात्मा के मिलने का मार्ग :-

नदी जब तक समुद्र में नहीं मिल जाती तब तक वह पत्थरों और पहाड़ों से टकराती रहती है। समुद्र में मिल जाने के बाद उसको ठोकर देने वाला कोई नहीं रह जाता। इसी प्रकार जीव जब तक परमात्मा से नहीं मिला है तभी तक उसे अनेकों आधि व्याधियों का सामना करना पड़ता है।

परमात्मा के मिलने का मार्ग भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं बताया है, "तस्मात् सर्वेधु कालेषु मामनुस्मर युध्य च।"

अर्थात्
सदैव चलते - फिरते , उठते - बैठते , सोते - जागते , स्वधर्मानुष्ठान में लगे रहो और मेरा स्मरण करते चलो।
श्री राधेश्याम... हरि हरः

Thursday, 7 April 2011

देखो भारत देखो......बापू जीवित है :-

Adhivakta Pension Vikas Samiti || अधिवक्ता पेंशन विकास समिति: देखो भारत देखो......बापू जीवित है :-: "देखो भारत देखोआज भी हमारे बापू जीवित है, 'अन्ना गुरु जी' के दिल मेंजय भारतबनना होगा हम सबको अन्ना जैसा, गाँधी-पुत्र आजाद भारत क..."

Monday, 21 March 2011

काशी साईं विचार :-

जो दुसरो के मन की बात जान ले, वह चतुर है॥

जो अपने को जान ले, वह आत्मज्ञानी है॥

जो दूसरो को जीत ले, उसे समर्थ कहते है॥

जो अपने को जीत ले, वह परम समर्थ है॥

जो निष्पाप है, वह परम सुखी है॥

द्वारा :- ताओ तहे किंग

Wednesday, 16 March 2011

ये इनायते गजब की :- "काशी साईं परिवार" होली वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं

मुझे फूंकने से पहले मेरा दिल निकाल लेना,
किसी और की अमानत कही साथ जल जाये
~ * ~
मेरी बेज़ुबा आँखों से गिरे जो चंद कतरे,
जो समझ सको तो आंसु ना समझ सको तो पानी
~ * ~
सुननी नही है हमको किसी और की ज़ुबानी,
तेरे सुबह कह रही है तेरी रात की कहानी
~ * ~
मेरे खूने आरज़ू को वो समझ रहे है पानी,
उन्हें होश तक आया ये गुज़र गयी जवानी
~ * ~
ये इनायते गजब की ये बला की मेहरबानी,
मेरे खैरियत भी पूछी किसी और की जुबानी

~ * ~
"
काशी साईं परिवार" सभी सम्मानित भारत वंशियो को और इस ब्लॉग के सुधी पाठकों को होली वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं देता है॥

Tuesday, 1 February 2011

मेरा तिरंगा

मेरा तिरंगा
अगर आपका मन भी यही कहता है, तो तिरंगे के प्रति अपनी भावना Comment में लिखे।
Thanks a Lot
With Lots of Regards
Anshuman Dubey

चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-

उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...