Monday 1 February 2010

प्रभु कृपा

दाता बड़ा ही दयाल है !
वो हर क्षण सब का भला करता रहता है !
हमे धैर्य व् विशवास रखना चाहिए !
जो कुछ भी दाता दे रहा है,
दुःख - तकलीफ - कष्ट - चोट,
सुख, दौलत, संतान, कारोबार उन सब को सिर पे लगा लो !
उसे प्रभु की कृपा समझ कर स्वीकार करो !
उसे प्रभु की कृपा समझ कर प्रेम से सहो !
सुख सपना दुःख बुदबुदा दोनों हैं मेहमान !
सबका आदर कीजिये जो भेजे भगवान् !
रोयो या चिल्लायो नही !
स्वीकार करना सीखो !
हर परिस्थिति में उसकी कृपा का अनुभव करो !
ये ही भक्त्ति है !

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