रे दिल गाफिल गफलत मत कर,
एक दिना जम आवेगा ॥
सौदा करने या जग आया,
पूँजी लाया, मूल गॅंवाया,
प्रेमनगर का अन्त न पाया,
ज्यों आया त्यों जावेगा ॥ १॥
सुन मेरे साजन, सुन मेरे मीता,
या जीवन में क्या क्या कीता,
सिर पाहन का बोझा लीता,
आगे कौन छुडावेगा ॥ २॥
परलि पार तेरा मीता खडिया,
उस मिलने का ध्यान न धरिया,
टूटी नाव उपर जा बैठा,
गाफिल गोता खावेगा ॥ ३॥
दास कबीर कहै समुझाई,
अन्त समय तेरा कौन सहाई,
चला अकेला संग न कोई,
कीया अपना पावेगा ॥ ४॥
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चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-
उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...

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‘Life with Allah has endless hope;life without Allah has hopeless end.’ Islam means submission to the will of Allah. It is a perfect way of ...
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हमन है इश्क मस्ताना, हमन को होशियारी क्या ? रहें आजाद या जग से, हमन दुनिया से यारी क्या ? जो बिछुड़े हैं पियारे से, भटकते दर-ब-दर फिरते, हमा...
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