Friday 6 March 2009

होली - अमीर खुसरो


हजरत ख्वाजा संग खेलिए धमा,
बाइस ख्वाजा मिल बन बन आयो।
तामें हजरत रसूल साहब जमाल,
हजरत ख्वाजा संग।
अरब यार तेरो (तोरी) बसंत मनायो,
सदा रखिए लाल गुलाल।
हजरत ख्वाजा संग खेलिए धमाल।

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चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-

उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...