Friday 23 January 2009

क्या हमने कभी सोचा है: भाग-1

कि हम ईश्वर (देवता) अर्थात दाता से माँगने में पीछे नहीं रहते है, किंतु जब हमसे कोई भिखारी कुछ माँगता है, तब हमारी स्वयं की स्थिति दाता की ही होती है, फिर हमें भिखारी को कुछ देने में संकोच कैसा.......???

"सोचकर बताये"

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चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-

उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...