Saturday, 19 May 2012

125 दिनों की तपस्या - गंगा है तंग :-

 गंगा के तट पर संत है तपस्या रत,
जनता भी है समर्थन में संग,
गली, महाल सब है गंगा के रंग,
कब जागोगे सत्ता वालो गंगा है तंग,
एक माँ का दूध पिया है,
एक माँ का नीर पिया है,
एक माँ के हो संग और,
एक माँ को करते हो तंग,
कब जागोगे सत्ता वालो गंगा है तंग ||

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चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-

उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...