आज दिनांक 21-मई-2012 को "गंगा मुक्ति महासंग्राम" बेनियाबाग़ पार्क, वाराणसी में संतों के साथ-साथ वाराणसी व अन्य जिलों एवं अन्य राज्य के संतों, जनता, व्यापारियों, बुद्धजीवियों, अधिवाक्तों तथा राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने गंगा रक्षा का संकल्प लिया और माँ गंगा की निर्मलता व अविरलता के लिये हर संभव प्रयास करने का संकल्प लेकर गंगा को हर हाल में मुक्त कराने की बात कही।
"गंगा मुक्ति महासंग्राम" कुछ छायाचित्र आप सबके समक्ष पेश है:-
लेखक के व्यक्तिगत विचार :-
उक्त "गंगा मुक्ति महासंग्राम" में स्वामी सानंद की वाणी में माँ गंगा के लिए अत्यधिक कष्ट व पीड़ा दिखी और गंगा के लिये चलाये जा रहे आन्दोलनों के राजनैतिकरण को लेकर भी कष्ट भी साफ-साफ दिखा। राजनीति चाहे संतों की हो, चाहे राजनैतिक दलों की हो।
स्वामी सानंद जी आपकी तरह हमें भी "बाबा विश्वानाथ" का ही आसरा है, क्योंकि हम मानवों के सभी प्रतिनिधियों के बस में "माँ गंगा" को निर्मल व अविरल करने का अब मादा नहीं रह गया है.... अत: महादेव अब आप ही हमारी और माँ गंगा की रक्षा करें।
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