Monday 22 June 2009

सोते रहो - 2 : माँ (गुरुमाँ)


गर तुम पिघलते नही ताम्बे की तरह, ताकि
रासायनिक सोना बन सके, तो
सोते रहो।

गर तुम शराबी की तरह गिरते हो, बायें-दायें
अज्ञान के रात बीत गयी, प्रार्थना का समय हो चुका,
सोते रहो।

किस्मत ने मेरी नींद ले ली है, पर चूँकि
अभी तुम्हारे नही ली है, जवान आदमी
सोते रहो।

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