Tuesday 21 July 2009

कबीर ने कहा है : भाग - 13

कबीर ने कहा है, कि....
"पद गाए मन हरषियां, साषी कह्यां अनंद ।
सो तत नांव न जाणियां, गल में पड़िया फंद ॥"
भावार्थ -
मन हर्ष में डूब जाता है पद गाते हुए, और साखियाँ कहने में भी आनन्द आता है । लेकिन सारतत्व को नहीं समझा, और हरिनाम का मर्म न समझा, तो गले में फन्दा ही पड़नेवाला है ।

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उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...