‘‘कोई हिन्दू या मुसलमान नहीं है सभी भगवान की सृष्टि में उसके द्वारा सृजित प्राणी हैं।’’हरिद्वार में गुरु नानक ने उन तीर्थयात्रियों को पूर्व की ओर मुँह करके जल तर्पण करते देखा जिनका विश्वास था कि यह जल स्वर्ग में रह रहे उनके पूर्वजों को तृप्त करेगा। हिंदुओं की इस प्राचीन प्रथा को देखकर गुरु नानक जी ने पश्चिम की ओर मुँह करके जल चढ़ाना शुरू कर दिया। जब उनसे ऐसा करने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे उसे कुछ सौ मील दूर, अपने खेतों तक पहुँचा रहे हैं। उनका तर्क था, जब हिंदुओं द्वारा तर्पण किया गया जल स्वर्ग तक पहुंच सकता है तो मेरा चढ़ाया जल मेरे खेतों तक क्यों नहीं पहुंच सकता।
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चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-
उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...
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संतन जात ना पूछो निरगुनियाँ। साध ब्राहमन साध छत्तरी, साधै जाती बनियाँ। साधनमां छत्तीस कौम है, टेढी तोर पुछनियाँ। साधै नाऊ साधै धोबी, साधै जा...
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काशी साईं फाउंडेशन के अंशदान रुपये 2,100/- एवं निवेदन पत्र दिनांक 25-09-2013 पर जिलाधिकारी वाराणसी ने टाउन हाल स्थित "भारत के राष्ट...
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भगत देश का - शहीदेआजम भगत सिंह को समर्पित
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