Thursday 13 August 2009

शिरडी के साईं बाबा कौन थे ?


आप में से सभी ने यह फोटो और साईं की मूर्ति घरों में और मंदिरों में अवश्य देखी होगी। ये हैं भारत के एक महान फकीर संत। कई वर्ष पहले एक अनाम युवक महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव शिरडी में अचानक प्रकट हुआ। वह कहाँ से आया, यह कोई नहीं जानता। वह युवक कोई साधारण पुरुष नहीं था। उसकी प्रेममय कृपा-दृष्टि सबसे पहले सीधे-सादे ग्रामवासियों को प्राप्त हुई। साईं बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुए वह युवक संत फिर जीवन भर वहीं रहे। उनका कर्म स्थल शिरडी आज एक प्रमुख तीर्थस्थान बन गया है।

शिरडी के संत एक अनोखे ईश्वरीय पुरुष थे, जो भिन्न-भिन्न धर्म, जाति और वर्ग के लोगों में, शान्ति और समता लाने के लिए ही इस पृथ्वी पर प्रकट हुए। बाबा के उपदेशों में, आपको बहुत ही आसान तरीके से, गीत और अन्य भारतीय ग्रन्थों के मूल सिद्धांतों को सार की झलक मिलेगी। बाबा को बच्चों से बहुत स्नेह था। इस पुस्तक में मैंने बाबा के जीवन और लीलाओं के साधारण और व्याख्यात्मक शैली में दरशाने की कोशिश की है। मुझे उम्मीद है कि यह बच्चों के मन को भाएगी।मैंने उन कथाओं और अनुभवों का वर्णन किया है, जिनका बाबा के जीवन से संबंध है, जैसे-बाबा कहाँ से आए और उन्होंने किस प्रकार, अनगिनत सांकेतिक कहानियों द्वारा, सैकड़ों लोगों का कुशलता से मार्ग-दर्शन किया। मैंने बाबा की सादगी और सरल जीवन का महत्व समझाने की कोशिश की है। किस प्रकार वे एक साधारण भिखारी की तरह शिरडी के ग्रामवासियों के साथ रहते थे। उन्होंने सदा प्रयत्न किया कि लोगों के जीवन की छोटी-छोटी समस्याओं व मुसीबतों में सहायता करके, वे उनके मन में श्रद्धा और भक्ति का संचार करें। इस उद्देश्य के लिए उन्हें कभी-कभी अपनी दिव्य या चमत्कारी शक्ति का भी प्रयोग करना पड़ा।

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