Thursday 6 August 2009

एलान-ए-जंग : अली सरदार जाफ़री

गांधी जी जंग का एलान कर दिया

बातिल से हक़ को दस्त-ओ-गरीबान कर दिया

हिन्दुस्तान में इक नयी रूह फूंककर

आज़ादी-ए-हयात का सामान कर दिया

शेख़ और बिरहमन में बढ़ाया इत्तिहाद

गोया उन्हें दो कालिब-ओ-यकजान कर दिया

ज़ुल्मो-सितम की नाव डुबोने के वास्ते

क़तरे को आंखों-आंखों में तूफ़ान कर दिया


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चंद्रशेखर आज़ाद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए उनके बनारस के रिश्तेदार श्री शिवविनायक मिश्रा द्वारा दिया गया वर्णन पढ़ना समीचीन होगा:-

उनके शब्दों में—“आज़ाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद होने के बाद इलाहाबाद के गांधी आश्रम के एक स...